उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से दिया इस्तीफा, कहा – “भारत की प्रगति का साक्षी बनना गर्व की बात”

0
PTI07-21-2025-000542A-0_1753120542955_1753120553761

Central News Desk: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार, 21 जुलाई 2025 को अपने पद से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा और कहा कि वे डॉक्टरों की सलाह का पालन करते हुए यह निर्णय ले रहे हैं।


कार्यकाल पूरा होने में दो साल बाकी थे

धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। वे भारत के 14वें उपराष्ट्रपति थे और इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्य कर चुके हैं। पेशे से वकील रहे धनखड़ ने 2022 में उपराष्ट्रपति का कार्यभार संभाला था। कुछ समय पहले ही उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि “ईश्वर की कृपा रही तो अगस्त 2027 में सेवानिवृत्त हो जाऊंगा।” मगर उनका कार्यकाल दो वर्ष पूर्व ही स्वास्थ्य कारणों की वजह से समाप्त हो गया।


राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को किया धन्यवाद

अपने इस्तीफे में धनखड़ ने लिखा:

“मैं स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए और डॉक्टरों की सलाह का पालन करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं। मैं भारत की माननीय राष्ट्रपति को हार्दिक धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने मुझे लगातार सहयोग और एक शांतिपूर्ण कार्य संबंध प्रदान किया। यह मेरे लिए बेहद सुखद अनुभव रहा।”

उन्होंने आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी विशेष रूप से धन्यवाद देते हुए कहा:

“प्रधानमंत्री का सहयोग मेरे लिए बेहद मूल्यवान रहा है और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है। मैं माननीय सांसदों से जो स्नेह, विश्वास और अपनापन मिला, वह मेरे लिए सदा अमूल्य रहेगा।”


भारत की प्रगति का साक्षी बनना गर्व की बात’

धनखड़ ने अपने संदेश में भारत की वैश्विक स्थिति और विकास को लेकर भी भावनात्मक टिप्पणी की। उन्होंने कहा:

“इस महत्वपूर्ण कालखंड में भारत की अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति और असाधारण विकास का साक्षी बनना और उसमें सहभागी होना मेरे लिए गर्व और संतोष की बात रही है। जब मैं इस प्रतिष्ठित पद को छोड़ रहा हूं, तो मैं भारत के वैश्विक उत्थान और उसकी अद्भुत उपलब्धियों पर गर्व से भर जाता हूं।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में सेवा करना “एक सच्चा सम्मान” रहा है।

धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नए उपराष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया प्रारंभ करनी होगी। जब तक नया उपराष्ट्रपति नहीं चुना जाता, तब तक राज्यसभा में सभापति पद की जिम्मेदारी उपसभापति या वरिष्ठतम सदस्य निभा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed