भूकंप से कांपी दिल्ली-NCR: झज्जर रहा केंद्र, 10 सेकेंड तक हिली धरती

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Delhi News Desk: दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। झटके इतने जोरदार थे कि दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के दफ्तरों और घरों में मौजूद लोग घबराकर बाहर निकल आए। इस दौरान क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही थी, जिससे दहशत और बढ़ गई।

रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.4, केंद्र झज्जर

भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई। इसका एपिसेंटर (केंद्र) हरियाणा के झज्जर जिले में, 10 किलोमीटर गहराई में था। झज्जर की दिल्ली से नजदीकी (करीब 51 किलोमीटर) के कारण दिल्ली-NCR में झटके काफी तीव्र और स्पष्ट महसूस किए गए।


भूकंप के झटकों से दहशत, कोई जान-माल का नुकसान नहीं

हालांकि इस भूकंप में किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन झटकों के दौरान कई इलाकों में लोगों में घबराहट देखी गई। स्कूलों, दफ्तरों और बाजारों में अचानक हलचल मच गई। सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने-अपने इलाकों में महसूस किए गए झटकों की पुष्टि की।


दिल्ली और आसपास लगातार भूकंप की चपेट में

भूकंपीय क्षेत्र IV में स्थित है दिल्ली

दिल्ली की भौगोलिक स्थिति उसे भूकंप के प्रति संवेदनशील बनाती है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी भूकंपीय ज़ोन 4 (Seismic Zone IV) में आती है, जो कि उच्च जोखिम वाला क्षेत्र है।
यह क्षेत्र 5-6 रिक्टर तीव्रता के भूकंपों के लिए सामान्यतः जाना जाता है, और कभी-कभी इससे भी अधिक तीव्रता (7–8) के झटके दर्ज किए गए हैं।


हरियाणा के जिलों में भी तेज झटके

दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, जींद और झज्जर जिलों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। चूंकि इस बार भूकंप का केंद्र दिल्ली से बेहद पास था, इसलिए इन क्षेत्रों में झटके तेज और डरावने रहे।


2024-25 में बढ़ी है भूकंप की आवृत्ति

इस साल की शुरुआत से अब तक दिल्ली और आसपास के इलाकों में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं।

साल 2020 में दिल्ली में 3.0 से ज्यादा तीव्रता के कम से कम तीन भूकंप दर्ज किए गए थे, जिनके बाद एक दर्जन से अधिक झटके महसूस किए गए थे।

लगातार बढ़ती भूकंपीय गतिविधियां प्रशासन के लिए सतर्कता का संकेत हैं।

आपदा प्रबंधन एजेंसियों की तैयारी जरूरी

विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली-NCR में बढ़ती भूकंपीय सक्रियता को सावधानीपूर्वक मॉनिटर करने की आवश्यकता है।

भवन निर्माण में भूकंप रोधी डिज़ाइन अपनाना

आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों की सक्रियता

और आम नागरिकों को भूकंप से सुरक्षा के उपायों की जानकारी देना समय की मांग है।

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