गोपाल खेमका हत्याकांड: SIT जांच में जुटी, पुलिस ने कहा – जल्द होगी गिरफ्तारी, व्यापारियों में उबाल

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Bihar News Desk: राजधानी पटना में चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या के बाद बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर बहस एक बार फिर तेज हो गई है। एक ओर जहां व्यापारिक संगठनों में जबरदस्त आक्रोश है, वहीं दूसरी ओर पुलिस महकमा लगातार दबाव में है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर SIT का गठन किया गया है और राज्य पुलिस मुख्यालय खुद मामले की निगरानी कर रहा है।


SIT को सौंपी गई जांच, हर एंगल पर हो रही पड़ताल

गोपाल खेमका हत्याकांड की जांच अब विशेष जांच दल (SIT) को सौंपी गई है।
पुलिस का कहना है कि:

SIT के साथ-साथ स्थानीय थाना और STF की संयुक्त टीमें काम कर रही हैं। पारिवारिक, व्यावसायिक और आपराधिक कनेक्शन जैसे सभी संभावित पहलुओं की जांच की जा रही है। पुलिस को विश्वास है कि हत्यारे जल्द ही गिरफ्तार होंगे। पुलिस मुख्यालय का निर्देश है कि कोई भी तकनीकी या साक्ष्य संबंधी चूक न हो, और जांच को तेज गति से अंजाम तक पहुंचाया जाए।

STF को किया गया अलर्ट, तकनीकी सर्विलांस बढ़ा

DGP विनय कुमार ने STF (स्पेशल टास्क फोर्स) को सतर्क कर दिया है।
उन्हें निर्देश दिया गया है कि:

CCTV फुटेज, तकनीकी सर्विलांस और खुफिया सूचनाओं के आधार पर अपराधियों की जल्द पहचान करें।

विशेष ऑपरेशन के ज़रिये गिरफ्तारी सुनिश्चित करें।

सूत्रों के अनुसार, इस वारदात में किसी पेशेवर आपराधिक गिरोह की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है।

व्यापारियों में रोष, कई शहरों में बंद और प्रदर्शन

गोपाल खेमका की हत्या के बाद बिहार के कई जिलों में व्यापारियों ने विरोध जताया:

पटना, पूर्णिया, भागलपुर सहित कई शहरों में दुकानें बंद रखी गईं।

व्यापारिक संगठनों ने कहा कि अब कोई भी सुरक्षित नहीं है, खासकर व्यवसायी।

उन्होंने मांग की है कि सरकार स्थायी सुरक्षा ढांचा तैयार करे और व्यवसायियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे।


सीएम के निर्देश पर राज्यभर में सुरक्षा समीक्षा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद:

DGP विनय कुमार ने सभी जिलों के SP को स्पष्ट आदेश जारी किए हैं कि प्रमुख व्यवसायियों की सुरक्षा में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

सभी जिलों में व्यवसायी वर्ग की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं।

यह आदेश ऐसे समय में आया है जब व्यापारियों में यह भावना गहराने लगी है कि सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।

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