CAQM की सख्ती से दिल्ली-NCR को मिलेगी राहत: पराली जलाने से लेकर कचरा जलाने तक अब नहीं चलेगा खेल

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पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम, राज्यों की जिम्मेदारियां तय, किसानों को मिलेगा सहयोग

दिल्ली-एनसीआर की जहरीली हवा पर लगाम लगाने की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पराली जलाने, कचरा जलाने, और निर्माण संबंधी प्रदूषण पर निगरानी और नियंत्रण के लिए 19 सूत्रीय कार्ययोजना लागू कर दी है। यह आयोग अब न सिर्फ सुझाव देने वाली संस्था है, बल्कि सशक्त और निर्णय लागू करने वाली एक वैधानिक इकाई बन चुकी है।

CAQM क्या है?

Commission for Air Quality Management (CAQM) की स्थापना अगस्त 2021 में केंद्र सरकार ने CAQM Act के तहत की थी। यह आयोग दिल्ली-NCR और इसके आसपास के राज्यों — पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान — में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए जिम्मेदार है। इससे पहले यह काम सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त EPCA (Environment Pollution Prevention & Control Authority) करती थी।

CAQM के पास आदेश जारी करने, उन्हें लागू करवाने, उल्लंघन पर दंड देने और पूरे सिस्टम को मॉनिटर करने की वैधानिक शक्ति है।


पराली जलाने पर फोकस: किसानों को राहत, लेकिन लापरवाही पर दंड

हर साल अक्टूबर-नवंबर में दिल्ली-NCR की हवा जहरीली हो जाती है, जिसका एक बड़ा कारण पराली जलाना है। CAQM ने इस बार इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं:

पराली प्रोटेक्शन फोर्स का गठन — जिला और ब्लॉक स्तर पर रात्रि पेट्रोलिंग करेगी।

हर गांव में नोडल अधिकारी — हर 50 किसानों पर एक अधिकारी नियुक्त होगा।

CRM मशीनों का मुफ्त वितरण — पुराने मशीनों का मूल्यांकन और नई मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

स्ट्रॉ स्टोरेज और उपयोग — पंचायती भूमि पर भंडारण और कम्पोस्ट/बायोएनर्जी के लिए उपयोग की योजना।

पर्यावरण जुर्माना — पराली जलाने पर ₹5,000 से ₹30,000 तक जुर्माना लगाया जाएगा।

ब्रिक भट्टों में स्ट्रा का को-फायरिंग — वर्ष 2025 तक 20% और 2028 तक 50% स्ट्रा पेलेट्स का उपयोग अनिवार्य।


कचरा जलाने और लैंडफिल फायर पर भी नजर

CAQM ने दिल्ली और आसपास के लैंडफिल साइट्स पर आग की घटनाओं को रोकने के लिए भी निर्देश जारी किए हैं:

CCTV निगरानी

मेथेन गैस डिटेक्शन सिस्टम

फायर फाइटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करना

बायोमाइनिंग और कचरा निस्तारण की प्रक्रिया में तेजी


निर्माण और वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर भी कड़ा नियंत्रण

निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के निर्देश

पुरानी गाड़ियों को चरणबद्ध हटाने की प्रक्रिया को मजबूती

उद्योगों में क्लीन एनर्जी के उपयोग को बढ़ावा


राज्यों की भूमिका और जवाबदेही तय

CAQM ने साफ किया है कि यह सिर्फ केंद्र का काम नहीं है, राज्यों को भी ठोस कार्रवाई करनी होगी। इसीलिए:

हर राज्य को मासिक प्रगति रिपोर्ट देनी होगी।

लापरवाही पर आयोग सीधे कार्रवाई कर सकता है।

सभी संबंधित विभागों — कृषि, पर्यावरण, परिवहन, नगरीय निकायों — को समन्वय में काम करना होगा।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में ठोस सुधार।

किसानों को विकल्पों के साथ राहत।

आम लोगों को स्मॉग, एलर्जी और स्वास्थ्य संकट से राहत।

प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में सिस्टम लेवल सॉल्यूशन।


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