अमेरिका में राजनीतिक भूचाल की आहट: एलन मस्क बना सकते हैं तीसरी पार्टी, ट्रंप की नीतियों से नाराजगी के बाद सियासी हलचल तेज

National News Desk: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क अब नई राजनीतिक पार्टी बनाने की तैयारी में हैं। मस्क ने संकेत दिए हैं कि यदि ट्रंप का यह विवादित विधेयक कानून बनता है, तो उसके अगले ही दिन वह ‘अमेरिकन पार्टी’ के गठन की घोषणा कर सकते हैं।
ट्रंप की योजना से मस्क नाराज
एलन मस्क की नाराजगी की वजह है ट्रंप का नया विधेयक, जिसमें सरकारी खर्च बढ़ाने, स्वच्छ ऊर्जा सब्सिडी में कटौती, और हेल्थकेयर योजनाओं को कमजोर करने के प्रावधान शामिल हैं। मस्क का दावा है कि इससे अमेरिका का कुल कर्ज 40 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है और आम जनता पर बोझ बढ़ेगा।
मस्क की कंपनी टेस्ला, जो इलेक्ट्रिक वाहनों पर केंद्रित है, को सीधे तौर पर सरकार की स्वच्छ ऊर्जा नीति से फायदा मिलता है। ऐसे में ट्रंप के फैसलों से मस्क को कारोबारी नुकसान की आशंका भी है।
मस्क के सर्वे में तीसरी पार्टी को भारी समर्थन
हाल ही में मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक जनमत सर्वेक्षण कराया, जिसमें करीब 80% लोगों ने तीसरी पार्टी के गठन का समर्थन किया। मस्क ने कहा, “लोग अब दो पार्टियों से ऊब चुके हैं, बदलाव चाहते हैं।”
क्या अमेरिका में तीसरी पार्टी की संभावना है?
अमेरिका में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी बीते 150 वर्षों से सत्ता में बारी-बारी से काबिज होती रही हैं। लेकिन देश में 55 राष्ट्रीय और 238 राज्यीय स्तर की पार्टियां पंजीकृत हैं, जिनमें से कुछ ही बैलट पर पहुंच पाती हैं।
इतिहास गवाह है कि तीसरी पार्टियों को अमेरिका में सीमित सफलता मिली है:
1992 में रॉस पेरोट को 19% वोट मिले थे।
2000 में राल्फ नेडर को 20 लाख से अधिक वोट मिले, जिससे डेमोक्रेट उम्मीदवार अल गोर की हार हुई थी।
इन उदाहरणों में तीसरी पार्टी ने भले ही बहस को प्रभावित किया, लेकिन सत्ता नहीं हासिल कर सकी।
तीसरी पार्टी की राह में रोड़े
राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए किसी तीसरी पार्टी को 15 लाख हस्ताक्षर जुटाने होते हैं।
सरकारी फंडिंग का लाभ तभी मिलता है जब पिछला चुनाव लड़ा गया हो।
ज्यादातर बड़े डोनर पहले से ही दो प्रमुख दलों के साथ हैं।
मस्क ने शुरू किया समर्थन अभियान
मस्क ने ट्रंप के विधेयक का समर्थन करने वाले रिपब्लिकन नेताओं के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े करने का ऐलान किया है। उन्होंने केंटकी से सांसद थॉमस मैसी जैसे नेताओं को समर्थन देना शुरू भी कर दिया है, जिन्होंने ट्रंप के विधेयक का विरोध किया।
चुनौती कितनी गंभीर?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मस्क की पहल से टू-पार्टी सिस्टम पर दबाव जरूर बढ़ेगा, लेकिन सत्ता तक पहुंचने के लिए उन्हें स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर चरणबद्ध रणनीति बनानी होगी। एक झटके में रिपब्लिकन या डेमोक्रेट को हराना अभी भी बेहद कठिन है।
हालांकि अगर एलन मस्क अपने संकल्प पर टिके रहते हैं, तो 2028 तक एक नई राजनीतिक ताकत अमेरिका में उभर सकती है — और शायद इतिहास खुद को फिर से लिखता नजर आए।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.