खून से लिखे पत्रों में छलका दर्द: बांके बिहारी कॉरिडोर के खिलाफ वृंदावन में महिलाओं का भावुक विरोध

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Mathura News Desk: वृंदावन में ठाकुर बांके बिहारी मंदिर न्यास और प्रस्तावित कॉरिडोर योजना के खिलाफ प्रदर्शन अब भावनात्मक रूप ले चुका है। सोमवार को लगातार 18वें दिन चल रहे इस विरोध में, स्थानीय महिलाओं ने अपने खून से पत्र लिखकर सरकार और प्रशासन को भावुक अपील की — “हमें ठाकुर जी से दूर मत कीजिए।”
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने पहले अपने शरीर से रक्त निकलवाया, फिर धोती पर पेंसिल की सहायता से अपने खून से पत्र लिखे, जो सीधे अधिकारियों को सौंपे गए। महिलाओं का कहना है कि कॉरिडोर के नाम पर उन्हें अपने आराध्य ठाकुर बांके बिहारी जी से दूर किया जा रहा है, जो उनके जीवन का हिस्सा हैं, उनका आत्मबल हैं।

“हम ठाकुर जी से बिछड़ना नहीं चाहते”
एक महिला ने पत्र में लिखा:
“हम ठाकुर जी को अपना बेटा, पिता, सखा और पति मानते हैं। अगर ये कॉरिडोर बना, तो हम मंदिर से दूर हो जाएंगे। इससे अच्छा है हम मर जाएं।”
यह विरोध परंपरा, आस्था और स्थानीय संस्कृति की रक्षा के नाम पर हो रहा है, और इसमें बुजुर्ग महिलाएं, सेवायत परिवारों की महिलाएं, और स्थानीय श्रद्धालु बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं।
दूसरी ओर प्रशासन का रुख: “सबको मिलेगा उचित मुआवजा”
इस बीच, जिला प्रशासन का कहना है कि कॉरिडोर विकास कार्य जनहित में है। मथुरा के जिलाधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि,
“जिनकी दुकानें या मकान लिए जा रहे हैं, उन्हें दुकान के बदले दुकान और मकान के बदले मकान दिया जाएगा। जमीन का भी पूरा मुआवजा सुनिश्चित किया जाएगा।”
प्रशासन के मुताबिक, वृंदावन के ही यति गोस्वामी और उनके परिवार ने इस योजना के लिए अपनी जमीन देकर सकारात्मक उदाहरण पेश किया है। उनका कहना है कि वह विकास में सहयोग देना अपना कर्तव्य मानते हैं।
विरोध बनाम विकास: अब टकराव चरम पर
बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का विरोध अब दो विचारों के टकराव का रूप ले चुका है —
एक तरफ श्रद्धालु हैं, जो अपने भक्ति मार्ग में किसी भी व्यवधान को स्वीकार नहीं करना चाहते।
दूसरी तरफ सरकार और प्रशासन हैं, जो सुविधा और सुरक्षा की दृष्टि से इस कॉरिडोर को जरूरी मानते हैं।
हालात अब संवेदनशील हो चुके हैं और सभी की निगाहें आने वाले दिनों में प्रशासन के फैसलों और प्रदर्शनकारियों की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।

Rashika Saxena is a young and energetic journalist. She keeps a keen eye on the issues happening in health, politics and film industry. Rashika has done a post graduate diploma in TV journalism