यूपी सरकार ने निकायों को दी बड़ी राहत: कामकाज के अधिकार बढ़े, अब नगर निगम 10 करोड़ तक के प्रोजेक्ट खुद कर सकेंगे

Lucknow News Desk: उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी निकायों को अधिक स्वायत्तता और जिम्मेदारी देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब नगर निकाय पहले से कहीं अधिक लागत वाले कार्यों को अपने स्तर पर स्वीकृत और निष्पादित कर सकेंगे। इसके लिए प्रमुख सचिव नगर विकास द्वारा अमृत अभियान के तहत नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
प्रमुख बदलाव और नई व्यवस्था:
नगर पंचायत और नगर पालिका परिषद को मिले अधिकार:
अब नगर पंचायत 1 करोड़ रुपये तक और
नगर पालिका परिषद 2 करोड़ रुपये तक के कार्य स्वयं स्वीकृत करके करा सकेगी।
पहले यह सीमा सिर्फ 40 लाख रुपये तक थी।
नगर निगम को जल निकासी के कार्यों में विशेष अधिकार:
पहले जहां 50 लाख रुपये तक ही नगर निगम खुद से कार्य कर सकते थे,
अब यह सीमा बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दी गई है।
यह परिवर्तन विशेष रूप से जल निकासी और शहरी बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने की दिशा में किया गया है।

गड़बड़ी पर जवाबदेही और वसूली की व्यवस्था:
कार्यों में अनियमितता पाए जाने पर जिम्मेदारी तय करते हुए वसूली की जाएगी।
कुल नुकसान की राशि में से:
50% ठेकेदार से,
35% अवर अभियंता से,
10% सहायक अभियंता से, और
5% अधिशासी अभियंता से वसूली होगी।
सड़क निर्माण में नया नियम:
अब सिर्फ उन्हीं सड़कों पर टाइल्स लगाई जाएंगी जिनकी चौड़ाई 3.75 मीटर या उससे कम होगी।
इससे टाइल्स का उपयोग नियंत्रित होगा और गुणवत्ता में सुधार की संभावना बढ़ेगी।
सरकार का उद्देश्य:
शहरी विकास मंत्रालय के अनुसार, इस फैसले का मकसद नगर निकायों को अधिक स्वायत्तता देना, निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी लाना, और गुणवत्ता युक्त कार्यों को सुनिश्चित करना है। साथ ही गड़बड़ियों पर रोक लगाने के लिए अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की गई है।
यह कदम शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और पारदर्शिता लाने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.