भारत-पाक सीजफायर पर ट्रम्प ने फिर लिया श्रेय, मोदी ने नकारा अमेरिकी मध्यस्थता का दावा

- सऊदी अरब में बोले ट्रम्प- “बिजनेस के जरिए युद्ध रोका”, जापान टाइम्स और गार्जियन ने रिपोर्ट में बताया- मोदी ने नहीं दिया अमेरिका को कोई क्रेडिट
Central News Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम (सीजफायर) का श्रेय खुद को दिया है। ।निवेश मंच में बोलते हुए ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए “काफी हद तक बिजनेस का इस्तेमाल किया।” ट्रम्प ने दावा किया, “मैंने दोनों देशों से कहा कि चलो दोस्तों, एक डील करते हैं। व्यापार करते हैं, लेकिन परमाणु मिसाइलों का नहीं बल्कि उन चीजों का जो आप खूबसूरती से बनाते हैं।”
यह बयान ट्रम्प का चार दिन में भारत-पाकिस्तान के युद्धविराम पर चौथा बयान है। इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि अगर दोनों देश लड़ते रहे तो अमेरिका उनके साथ व्यापार नहीं करेगा।
ट्रम्प फिलहाल मिडिल ईस्ट के चार दिनी दौरे पर हैं। सोमवार को वे सऊदी पहुंचे और मंगलवार को गल्फ समिट में शामिल हुए। इसके बाद वे कतर रवाना होंगे, जहां कतर सरकार उन्हें बोइंग 747-8 जंबो जेट गिफ्ट कर सकती है। समिट में अमेरिका और जीसीसी देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। साथ ही ट्रम्प की मुलाकात सीरिया के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से भी हो सकती है।

भारत की प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया :
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रम्प के मध्यस्थता के दावे को स्पष्ट रूप से नकारा है। जापान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मोदी ने अपने भाषण में न तो अमेरिका का जिक्र किया और न ही राष्ट्रपति ट्रम्प को किसी तरह का श्रेय दिया। मोदी ने कहा कि पाकिस्तान को भारतीय सेना के कड़े जवाब के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तनाव कम करने की अपील करनी पड़ी।
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने साफ कहा कि भारत ने सिर्फ सैन्य कार्रवाई को रोका है, लेकिन भविष्य में अगर कोई हमला हुआ तो भारत अपनी शर्तों पर जवाब देगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत किसी भी “परमाणु ब्लैकमेल” को सहन नहीं करेगा।
पाकिस्तानी मीडिया का रुख:
इस बीच पाकिस्तानी मीडिया विशेषकर ‘समा टीवी’ ने मोदी के बयानों को “युद्ध की धमकी” बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की ओर से आक्रामक तेवर अपनाकर क्षेत्रीय शांति वार्ता को मुश्किल बना दिया गया है। समा टीवी ने लिखा कि पीएम मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि “बातचीत और आतंकवाद, व्यापार और आतंकवाद, पानी और खून” एक साथ नहीं चल सकते।
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम को लेकर अमेरिका की ओर से की जा रही मध्यस्थता की दावेदारी को भारत ने नकारा है। ट्रम्प जहां इसे अपनी बड़ी कूटनीतिक जीत बता रहे हैं, वहीं भारत इस पूरे घटनाक्रम को अपनी सैन्य ताकत और कूटनीतिक दृढ़ता का परिणाम बता रहा है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी भारत के इस रुख को ज्यादा यथार्थपूर्ण मान रहा है।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.