भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी का विपक्ष पर तीखा हमला: ‘इतिहास का नहीं, भारत का प्रकटीकरण हो रहा है’

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Central News Desk: भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने शुक्रवार को कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ पर तीखा हमला बोला। उन्होंने एनसीईआरटी की इतिहास की किताबों में हुए बदलावों को ‘भारत का प्रकटीकरण’ बताया और भगवाकरण के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक राज्य स्तरीय मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए त्रिवेदी ने इतिहास, विदेश नीति, विपक्ष की भूमिका और कांग्रेस की विचारधारा पर विस्तार से अपनी बात रखी।


‘इतिहास में महाराणा प्रताप को हारा हुआ क्यों पढ़ाया गया?’

सुधांशु त्रिवेदी ने इतिहास लेखन पर सवाल उठाते हुए कहा,

“क्या कारण है कि महाराणा प्रताप को हारा हुआ पढ़ाया जाता रहा? क्या वे युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए? क्या उन्हें बंदी बना लिया गया था? क्या उन्होंने कभी किसी आक्रांता को कर (Tax) देना स्वीकार किया था?”

उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप और राणा सांगा जैसे वीरों को पराजित बताने वाला इतिहास, भारतीयों के आत्मगौरव को आहत करने वाला है। उन्होंने वामपंथी इतिहासकारों पर आरोप लगाया कि उन्होंने लुटेरों के झूठे विवरण को ही ऐतिहासिक सत्य बना दिया।


‘यह भगवाकरण नहीं, भारत का प्रकटीकरण है’

एनसीईआरटी की नई किताबों में बदलाव को लेकर उठे विवाद पर त्रिवेदी ने कहा,

“यह पाठ्यक्रम का भगवाकरण नहीं है, बल्कि भारत का प्रकटीकरण है।”

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इतिहास को जानबूझकर तोड़ा-मरोड़ा गया और आक्रांताओं को कला प्रेमी की छवि में प्रस्तुत किया गया।


नेहरू और गजनी पर निशाना

त्रिवेदी ने पंडित नेहरू की पुस्तक ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ का हवाला देते हुए कहा कि उसमें महमूद गजनी को कला प्रेमी बताया गया, जबकि गजनी के दरबारी इतिहासकार अल-उतबी ने ‘तारीख-ए-यामिनी’ में लिखा है कि

“गजनी ने मथुरा के मंदिरों की भव्यता देखकर कहा था कि यह मानव निर्मित नहीं हो सकते, इसलिए इन्हें नष्ट कर दिया जाए।”

उन्होंने पूछा, “नेहरू ने यह सच देश से क्यों छुपाया? क्यों आक्रांताओं का महिमामंडन किया गया?”


अहमदाबाद विमान हादसे पर भी कांग्रेस को घेरा

त्रिवेदी ने अहमदाबाद विमान हादसे की जांच को लेकर अशोक गहलोत द्वारा न्यायिक आयोग की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,

“यह एक तकनीकी मामला है, जिसकी जांच अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार होती है। कांग्रेस इस पर राजनीति कर के अपनी अज्ञानता और राहुल गांधी के प्रभाव में आई मानसिक विकलांगता का परिचय दे रही है।”


विदेश नीति पर मोदी सरकार की प्रशंसा

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति ऐतिहासिक और सशक्त हुई है।

“आज भारत वैश्विक स्तर पर अपनी बात मजबूती से रख पा रहा है। कई मुद्दों पर भारत निर्णायक भूमिका निभा रहा है।”


‘गुलाम मानसिकता से स्वशासन तक का सफर’

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में भारत ने ‘गुलाम मानसिकता’ को आत्मसात किया, जबकि भाजपा सरकार ने भारतीय विचारधारा पर आधारित स्वशासन व्यवस्था की नींव रखी है।

“1947 में हमें राजनीतिक आज़ादी मिली, 1977 में लोकतांत्रिक चेतना आई, 1990 में सांस्कृतिक स्वतंत्रता शुरू हुई और आज हम वैचारिक स्वतंत्रता की ओर बढ़ रहे हैं।”


‘पाठ्यक्रमों में ग्लानि और शर्म के बीज बोए गए’

त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और वामपंथी विचारकों ने भारतीय पाठ्यक्रमों में ऐसे विषय डलवाए जिससे

“भारतीय होने पर ग्लानि और हिंदू होने पर शर्म महसूस कराई गई।”

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार भारतीय गौरव और संस्कृति को पाठ्यक्रम का हिस्सा बना रही है, जिसे ‘राजनीतिक एजेंडा’ कह कर खारिज करना अनुचित है।


‘INDIA गठबंधन हताश और बिखरता हुआ नजर आ रहा है’

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि विपक्षी गठबंधन INDIA पूरी तरह से अस्थिर और दिशाहीन है।

“एक ओर भाजपा और एनडीए को ऐतिहासिक जनादेश मिला है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन अंतर्विरोधों से जूझ रहा है।” उन्होंने महाराष्ट्र में ‘INDIA’ गठबंधन की राजनीति को दुखद और चिंताजनक बताया।

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