तेलंगाना बीजेपी में बदलाव की आंच: एन रामचंद्र राव की नियुक्ति से नाराज़ टी. राजा सिंह ने दिया इस्तीफा, जानिए कौन हैं नए प्रदेश अध्यक्ष

एन रामचंद्र राव/ N. Ramchandra Rao Photos
Central News Desk: तेलंगाना की राजनीति में इस समय भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अंदर बड़ा फेरबदल और उससे उपजा असंतोष चर्चा में है। राज्य के फायरब्रांड नेता और गोशामहल से विधायक टी. राजा सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा ऐसे समय आया है जब पार्टी ने एन. रामचंद्र राव को राज्य इकाई का नया अध्यक्ष बनाए जाने की तैयारी कर ली है।
राजा सिंह के समर्थक इस फैसले को हिंदुत्व समर्थकों की अनदेखी और जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के रूप में देख रहे हैं। तो सवाल उठता है – कौन हैं एन रामचंद्र राव, जिनकी वजह से बीजेपी को तेलंगाना में यह संकट झेलना पड़ा?
कौन हैं एन. रामचंद्र राव?
एन. रामचंद्र राव भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधान परिषद सदस्य (MLC) हैं। वे तेलंगाना में लंबे समय से संगठन के लिए काम कर रहे हैं और ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। पार्टी के भीतर उनकी छवि एक संयमित और स्वीकार्य नेतृत्वकर्ता की रही है।
उन्होंने RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) और ABVP से जुड़कर राजनीतिक शुरुआत की थी और वर्षों से भाजपा के प्रति निष्ठावान रहे हैं। संगठन के अनुशासन और विचारधारा को मजबूती से मानने वाले नेता माने जाते हैं।
आरएसएस और संगठन के समर्थन से मिला अध्यक्ष पद
सूत्रों के मुताबिक, एन रामचंद्र राव का नाम RSS के एक प्रभावशाली वर्ग और पार्टी नेतृत्व की सिफारिश पर तय किया गया है। पार्टी ने उन्हें ऐसे समय में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है जब तेलंगाना में भाजपा को फिर से संगठित और मजबूत करने की चुनौती है।
हालांकि, वे ब्राह्मण समुदाय से हैं, लेकिन उन्हें ऐसा नेता माना गया है जो पार्टी के सभी वर्गों को जोड़ने में सक्षम है। यह भी चर्चा है कि उनका कार्यकाल संक्रमण काल के तौर पर देखा जा रहा है और अगले चुनावों से पहले किसी पिछड़े वर्ग के नेता को नया चेहरा बनाया जा सकता है।

टी. राजा सिंह की नाराज़गी: नेतृत्व की अनदेखी या आत्मसम्मान का सवाल?
टी. राजा सिंह लंबे समय से तेलंगाना में बीजेपी के कट्टर हिंदुत्ववादी चेहरे के रूप में सामने रहे हैं। वे अक्सर अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं, लेकिन उनका हिंदू वोट बैंक पर प्रभाव भी नकारा नहीं जा सकता।
कुछ दिन पहले ही उन्होंने एक वीडियो मैसेज जारी कर खुद को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें स्थानीय कार्यकर्ताओं और जनता का व्यापक समर्थन प्राप्त है, और ऐसे में उन्हें नजरअंदाज करना पार्टी की कमजोरी बन सकता है।
जब पार्टी ने एन रामचंद्र राव को अध्यक्ष चुना, तो टी राजा सिंह ने इसे अपनी अनदेखी और असम्मान के रूप में लिया और पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
क्या बीजेपी मना पाएगी राजा सिंह को?
यह बड़ा सवाल अब पार्टी नेतृत्व के सामने है। टी राजा सिंह ने कहा है कि उनका यह फैसला हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। उनके इस्तीफे से पार्टी को न केवल राजनीतिक नुकसान हो सकता है, बल्कि यह वोटबैंक और कार्यकर्ता स्तर पर भी प्रभाव डालेगा।
हालांकि, बीजेपी अब डैमेज कंट्रोल की कोशिश में है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, राजा सिंह को मनाने की कोशिशें शुरू हो चुकी हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे मानेंगे या अपनी नई राजनीतिक दिशा की ओर बढ़ेंगे।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.