प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक पांच देशों की यात्रा (2–10 जुलाई, 2025): वैश्विक मंच पर भारत की प्रभावशाली उपस्थिति

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National News Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 से 10 जुलाई, 2025 तक पांच देशों – घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया – की ऐतिहासिक यात्रा पूरी की। इस आठ दिवसीय दौरे ने न केवल भारत की वैश्विक कूटनीतिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि “ग्लोबल साउथ” के साथ भारत की भागीदारी को भी नया आयाम दिया। यह पिछले एक दशक में उनकी सबसे लंबी राजनयिक यात्रा रही।


घाना: तीस वर्षों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा

यात्रा की शुरुआत 2 जुलाई को घाना से हुई, जहाँ मोदी तीस वर्षों में पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने जिन्होंने यह देश दौरा किया। घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामनी महामा ने उनका भव्य स्वागत किया। उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से नवाजा गया। स्वागत समारोह में 21 तोपों की सलामी, और बच्चों द्वारा संस्कृत श्लोकों का पाठ हुआ, जो भारत-घाना सांस्कृतिक संबंधों की गर्मजोशी को दर्शाता है। दोनों देशों ने व्यापार, रक्षा, कृषि और डिजिटल तकनीक में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।


त्रिनिदाद और टोबैगो: भारतीय प्रवासियों से आत्मीय जुड़ाव

3–4 जुलाई को पीएम मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो पहुँचे, जहाँ भारतीय मूल के लोगों की संख्या काफी अधिक है। उन्होंने त्रिनिदाद की संसद को संबोधित किया और 180 साल पुराने भारतीय प्रवासियों के योगदान को याद किया। पीएम मोदी ने त्रिनिदाद की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को “बिहार की बेटी” कहकर संबोधित किया, क्योंकि उनके पूर्वज बिहार के बक्सर जिले से हैं। उन्होंने वहां राम मंदिर की प्रतिकृति और महाकुंभ का पवित्र जल भेंट किया। इस दौरान उन्होंने प्रवासी भारतीयों के लिए OCI कार्ड (ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया) जारी करने की घोषणा की, जिससे सांस्कृतिक और पारिवारिक संबंधों को बल मिला।


अर्जेंटीना: ऊर्जा और तकनीकी साझेदारी पर जोर

5-6 जुलाई को अर्जेंटीना में पीएम मोदी ने दक्षिण अमेरिकी देशों से भारत के रणनीतिक संबंधों को मज़बूती दी। उनकी अर्जेंटीना यात्रा में नवीन ऊर्जा स्रोत, स्पेस टेक्नोलॉजी, शिक्षा और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में समझौते हुए। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति गुस्तावो फर्नांडीज ने भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी की सराहना की और कृषि व तकनीक में साझेदारी को बढ़ावा देने की इच्छा जताई।


ब्राजील: 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत की सशक्त भूमिका

7-8 जुलाई को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने वैश्विक शासन, जलवायु परिवर्तन, शांति और बहुपक्षीय सुधार जैसे मुद्दों पर भारत की मजबूत भूमिका रखी। सम्मेलन में हालिया पहलगाम आतंकी हमले की निंदा भी की गई। पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुला डी सिल्वा के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें व्यापार, रक्षा, कृषि और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। यह प्रधानमंत्री मोदी की ब्राजील की चौथी यात्रा थी।


नामीबिया: 27 वर्षों बाद भारतीय प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक यात्रा

9 जुलाई को यात्रा का अंतिम पड़ाव नामीबिया था, जहाँ मोदी 27 वर्षों में नामीबिया जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। उन्हें नामीबिया के सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशियंट वेलविट्सचिया मिराबिलिस’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति नेतुम्बो नांदी-न्डैटवाह से मुलाकात के दौरान डिजिटल टेक्नोलॉजी, लोकतांत्रिक संस्थाओं और संसदीय प्रशिक्षण पर चर्चा हुई।

पीएम मोदी ने नामीबिया की संसद को संबोधित किया और अफ्रीकी महाद्वीप के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।


यात्रा का व्यापक प्रभाव

यह यात्रा ग्लोबल साउथ के साथ भारत की रणनीतिक भागीदारी को गहराई देने का प्रयास थी। ऊर्जा, रक्षा, कृषि, शिक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में नए समझौते हुए। इसने भारत की सॉफ्ट पॉवर, संस्कृति और लोकतांत्रिक मूल्यों को वैश्विक स्तर पर मजबूती से प्रस्तुत किया। ब्रिक्स और अन्य बहुपक्षीय मंचों पर भारत की स्थिति और प्रभाव को भी इस दौरे से नया बल मिला।

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