बाल विवाह के कारण 14 नाबालिग लड़कियां गर्भवती

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Maharashtra News Desk: महाराष्ट्र विधानसभा में दिए गए आधिकारिक जवाब ने समाज को झकझोर दिया है। बीड जिले में अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच 14 नाबालिग लड़कियां गर्भवती हुईं, जिनमें से 7 ने बच्चों को जन्म भी दे दिया है। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर ने सदन में दी।


आंकड़ों से भी ज्यादा खतरनाक है सच्चाई

ये तो केवल सरकारी पोर्टल RCH पर दर्ज आंकड़े हैं। बाल अधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार, असल संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है क्योंकि समाज में अशिक्षा और डर के कारण कई मामले सामने ही नहीं आते।


“शादी के नाम पर यौन शोषण”: कानून है, पर पालन नहीं

बाल अधिकार वर्कर्स ने चेतावनी दी है कि 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ विवाह के नाम पर भी यौन संबंध भारतीय कानून के तहत अपराध है। बावजूद इसके, सामाजिक रीति-रिवाज, गरीबी और शिक्षा की कमी के चलते बीड में बाल विवाह की कुप्रथा आज भी जारी है।


सरकार ने क्या कहा?

स्वास्थ्य मंत्री अबितकर ने आश्वासन दिया कि सरकार गंभीर है। उन्होंने बताया: बाल विवाह निषेध अधिनियम-2006 के तहत सभी स्वास्थ्य संस्थानों को ऐसे मामलों की जानकारी देने के निर्देश ग्राम सेवकों को बाल विवाह निषेध अधिकारी नियुक्त किया गया शहरी क्षेत्रों में CDPO और आंगनवाड़ी सुपरवाइजर को निगरानी की जिम्मेदारी दी गई


असली वजह: गरीबी, अशिक्षा और प्रवास

जमीनी कार्यकर्ताओं का कहना है कि कानून और जागरूकता अभियान पर्याप्त नहीं हैं। बीड में गन्ना काटने वाले प्रवासी परिवार, जो सर्दियों में दूसरे इलाकों में काम करने चले जाते हैं, आर्थिक तंगी की वजह से अपनी बेटियों की शादी कम उम्र में कर देते हैं। यही इस समस्या की जड़ है।


बाल विवाह रोकने की कोशिशें

राज्य में हर जिले में बाल संरक्षण इकाइयां बनाई गई हैं. स्कूलों, सरकारी दफ्तरों और पंचायत भवनों में शपथ समारोह कराए जा रहे हैं। पंचायत स्तर पर निगरानी बढ़ाई गई है लेकिन वास्तविक प्रभाव जमीनी स्तर पर अब भी कमजोर है।


अमोल खटाल और अमित सताम ने उठाया मुद्दा

विधानसभा में संगमनेर से विधायक अमोल खटाल और अमित सताम ने जब इस कुप्रथा पर सवाल उठाया, तब सरकार को RCH पोर्टल के आंकड़े पेश करने पड़े। इससे साफ हो गया कि बीड में बाल विवाह की गहराई और असर अब किसी से छिपा नहीं।

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