महाकुंभ भगदड़ पर हाईकोर्ट सख्त: मुआवजा देने में देरी पर यूपी सरकार को लगाई फटकार, कहा- नागरिकों की दुर्दशा के प्रति रवैया उदासीन

0
679efebfad313-prayagraj-mahakumbh-2025-stampede-021226144-16x9

Central News Desk: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाकुंभ 2025 के दौरान मची भगदड़ में मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने में हो रही देरी पर यूपी सरकार को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि राज्य सरकार का रुख अस्थिर है और वह नागरिकों की पीड़ा को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है।

यह टिप्पणी कोर्ट की डबल बेंच—जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस संदीप जैन—ने उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दी जिसमें भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को समय पर मुआवजा नहीं दिए जाने की शिकायत की गई थी।

कोर्ट ने कहा – राज्य का यह “परम कर्तव्य” है कि पीड़ितों को गरिमा के साथ मुआवजा दे

कोर्ट ने कहा कि “घटना भले ही राज्य के नियंत्रण से बाहर की परिस्थितियों में हुई हो, लेकिन एक बार जब सरकार ने अनुग्रह राशि देने की योजना घोषित कर दी है, तो फिर मुआवजा देने में देरी करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।”

कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि पीड़ित परिवारों के प्रति राज्य को सहानुभूति और संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी, लेकिन अब तक जो रवैया दिखा है वह “नागरिकों की दुर्दशा के प्रति उदासीनता” को उजागर करता है।

सरकार से दो टूक जवाब की मांग, अगली सुनवाई 18 जुलाई को

कोर्ट ने यूपी सरकार से इस मामले में स्पष्ट रुख पेश करने को कहा है और मुआवजा देने में हो रही देरी का विस्तृत कारण मांगा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी, जिसमें सरकार को अपना जवाब दाखिल करना होगा।

यह मामला सामाजिक और प्रशासनिक जवाबदेही से जुड़ा है, जहां एक ओर धार्मिक आस्था का जनसैलाब उमड़ता है, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक लापरवाही कई परिवारों पर दुखों का पहाड़ बनकर टूटती है। हाईकोर्ट की यह सख्ती भविष्य में ऐसे आयोजनों में बेहतर प्रबंधन और पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता की उम्मीद जगा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *