Infosys को मिला टैक्स राहत का तोहफा: ₹32,403 करोड़ का GST नोटिस रद्द, निवेशकों में लौटा भरोसा

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Business News Desk: भारत की दिग्गज आईटी कंपनी Infosys को शुक्रवार शाम एक बड़ी राहत मिली, जब केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की जांच शाखा DGGI (Directorate General of GST Intelligence) ने उस पर लगाए गए ₹32,403 करोड़ के GST नोटिस को बंद कर दिया।

Infosys को यह नोटिस वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2021-22 के बीच के सेवा निर्यात से जुड़े इनपुट टैक्स क्रेडिट और अन्य तकनीकी मामलों में भेजा गया था। जांच का उद्देश्य यह था कि कंपनी ने कहीं गलत तरीके से टैक्स क्रेडिट क्लेम तो नहीं किया या फिर जीएसटी में गड़बड़ी तो नहीं की।

क्या था मामला?

Infosys पर आरोप था कि कंपनी ने अपने सॉफ्टवेयर निर्यात और क्लाइंट सर्विस डिलीवरी को लेकर इनवॉयसिंग और टैक्स क्रेडिट की प्रक्रियाओं में कथित रूप से कुछ विसंगतियाँ की हैं। इस पर DGGI ने ₹32,403 करोड़ का भारी-भरकम नोटिस भेजा था, जो किसी भी आईटी कंपनी के लिए अब तक का सबसे बड़ा टैक्स दावा माना जा रहा था।

कंपनी का पक्ष और कानूनी आधार

Infosys ने इस नोटिस को “बिना आधार के और अनुचित” बताते हुए टैक्स अधिकारियों को जरूरी दस्तावेज और सिस्टम प्रूफ सौंपे। कंपनी ने स्पष्ट किया कि उसका सेवा निर्यात पूरी तरह वैध और टैक्स नियमों के अनुरूप है।

लगभग दो महीने तक चली स्क्रूटनी और स्पष्टीकरण के बाद, DGGI ने माना कि कंपनी ने टैक्स नियमों का उल्लंघन नहीं किया है और केस को “क्लोज़” कर दिया गया।

बाजार पर असर

इस राहत के बाद Infosys का शेयर बीएसई पर 3.5% की उछाल के साथ ₹1,634 के स्तर पर बंद हुआ। निवेशकों ने इस फ़ैसले को एक “क्लीन चिट” की तरह लिया, जिससे कंपनी की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर फिर भरोसा बना है।

कंपनी की प्रतिक्रिया

Infosys की ओर से एक आधिकारिक बयान में कहा गया:

“हम टैक्स अधिकारियों के साथ पूर्ण सहयोग में विश्वास रखते हैं। यह निर्णय भारतीय आईटी उद्योग के लिए एक सकारात्मक संकेत है।”

क्या इसका असर बाकी कंपनियों पर पड़ेगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि Infosys जैसे बड़े नाम को राहत मिलने के बाद अब बाकी आईटी और निर्यात-आधारित कंपनियों को भी अनावश्यक टैक्स कार्रवाईयों से राहत मिल सकती है। इससे व्यापार करने का वातावरण बेहतर होगा।

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