भारत को रूस का समर्थन: सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ रूसी सहमति, पाकिस्तान ने मांगी मदद

Central News Desk: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सशस्त्र संघर्ष और आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हलचल तेज हो गई है। भारत को जहां रूस का स्पष्ट समर्थन मिला है, वहीं पाकिस्तान ने तनाव कम कराने के लिए रूस से मदद की अपील की है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने रूस को दी आतंकवाद पर जानकारी
कुछ दिन पहले डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व में एक भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल रूस की यात्रा पर गया था। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने रूस को पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद की स्थिति से अवगत कराया। भारत की ‘आतंकवाद पर शून्य सहिष्णुता’ की नीति को रूस का समर्थन मिला है, जो भारत के लिए कूटनीतिक रूप से बड़ी सफलता मानी जा रही है।

पुलवामा हमला बना संघर्ष का कारण
हालिया तनाव की शुरुआत जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक बड़े आतंकी हमले से हुई। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। इस पर पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
10 मई को दोनों देशों की सेनाओं के डीजीएमओ के बीच बातचीत के बाद संघर्षविराम पर सहमति बनी और सैन्य कार्रवाई रोकी गई।

ट्रंप ने लिया श्रेय, भारत ने किया इनकार
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस संघर्षविराम का श्रेय खुद को देने की कोशिश की, लेकिन भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि संघर्षविराम पूरी तरह दोनों देशों की सेनाओं के डीजीएमओ के बीच सीधी बातचीत से हुआ, न कि किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से।
पाकिस्तान ने रूस से मांगी मध्यस्थता की भूमिका
इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रूस से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में मदद की अपील की है। उनके विशेष सलाहकार सैयद तारिक फातमी ने मॉस्को में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात कर प्रधानमंत्री शरीफ का पत्र राष्ट्रपति पुतिन को सौंपा। फातमी ने कहा, “हम चाहते हैं कि रूस दोनों देशों को बातचीत के लिए मंच प्रदान करे। पाकिस्तान राजनयिक समाधान के लिए तैयार है।”

पुतिन-ट्रंप ने फोन पर की चर्चा
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई फोन बातचीत में भी भारत-पाक संघर्ष का मुद्दा उठा। क्रेमलिन के वरिष्ठ सलाहकार यूरी उशाकोव ने बताया कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन संकट, मिडिल ईस्ट की स्थिति और भारत-पाक तनाव जैसे अहम वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
भारत को जहां रूस का आतंकवाद के खिलाफ कड़ा समर्थन मिला है, वहीं पाकिस्तान अब कूटनीतिक विकल्पों की ओर देख रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में रूस की भूमिका भारत-पाक रिश्तों में निर्णायक साबित हो सकती है।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.