भारत-पाक संघर्षविराम पर बनी सहमति, सिंधु जल संधि अब भी निलंबित; अमेरिका की मध्यस्थता रही अहम

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Central News Desk : भारत और पाकिस्तान के बीच बीते चार दिनों से जारी सीमा संघर्ष के बाद अब हालात में कुछ नरमी आई है। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद शुक्रवार शाम 5 बजे से संघर्षविराम लागू कर दिया गया है। यह फैसला पाकिस्तान की पहल और अमेरिका की मध्यस्थता के बाद सामने आया है। हालांकि भारत ने साफ कर दिया है कि संघर्षविराम उसकी शर्तों पर हुआ है और सिंधु जल संधि का निलंबन फिलहाल जारी रहेगा।

भारतीय सुरक्षा बलों ने विफल किया पाकिस्तान का सबसे बड़ा ड्रोन हमला
संघर्षविराम से पहले शुक्रवार रात पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती 26 इलाकों में ड्रोन हमलों की कोशिश की। भारतीय सुरक्षा बलों की सतर्कता के चलते यह प्रयास पूरी तरह विफल रहा। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह हाल के वर्षों में पाकिस्तान की ओर से सबसे बड़ा ड्रोन हमला माना जा रहा है।

भारत का कड़ा रुख और अमेरिकी दवाब बना निर्णायक
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संघर्षविराम की पुष्टि करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी सख्त नीति पर कायम है और इसमें कोई ढील नहीं दी जाएगी। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भारत-पाक शीर्ष नेतृत्व से बीते 48 घंटों में संवाद कर दोनों पक्षों को संयम बरतने की सलाह दी थी।

12 मई को फिर बातचीत करेंगे डीजीएमओ
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) 12 मई को दोपहर 12 बजे फिर बातचीत करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की ओर से पहल कर शुक्रवार दोपहर 3:35 बजे फोन आया था और उसी के बाद संघर्षविराम पर सहमति बनी।

सिंधु जल संधि निलंबित, भारत नहीं बदलेगा रुख
22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को पहला बड़ा संदेश सिंधु जल संधि को निलंबित करके दिया था। अब भी यह निलंबन जारी रहेगा। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और स्थायी रूप से समाप्त नहीं करता, तब तक सिंधु जल संधि बहाल नहीं की जाएगी।

कांग्रेस ने मांगी सर्वदलीय बैठक
इस घटनाक्रम के बीच कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है। पार्टी नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री को सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए, जिससे देश को भविष्य की रणनीति की जानकारी मिल सके।

क्या यह संघर्षविराम टिक पाएगा?
भारत-पाक के बीच संघर्षविराम कोई नया मामला नहीं है, लेकिन अतीत में अक्सर इसका उल्लंघन पाकिस्तान की ओर से होता रहा है। हालांकि इस बार अमेरिका की सक्रिय भूमिका और पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि यह युद्धविराम थोड़ी स्थिरता ला सकता है।

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