हैलट में खुलेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ट्रॉमा एंड इमरजेंसी केयर, 18 जिलों को मिलेगा लाभ

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Central News Desk: कानपुर स्थित हैलट अस्पताल में अब ट्रॉमा और इमरजेंसी केयर को लेकर अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ट्रॉमा एंड इमरजेंसी केयर खोला जाएगा। इसके संबंध में डीजीएमई (महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा) ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से औपचारिक प्रस्ताव मांगा है। कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि इस सेंटर के लिए आवश्यक लगभग सभी मानकों को पहले ही पूरा कर लिया गया है।

प्राचार्य डॉ. संजय काला के मुताबिक, “डीजीएमई द्वारा जिन शर्तों और आवश्यकताओं का उल्लेख किया गया है, हमारा कॉलेज उन सभी को पहले से ही पूरा कर रहा है। इमरजेंसी मेडिसिन विभाग, ऑपरेशन थिएटर, ब्लड बैंक और स्किल लैब जैसे सभी इंफ्रास्ट्रक्चर कॉलेज में पहले से उपलब्ध हैं।”


इलाज, प्रशिक्षण और रिसर्च—एक ही छत के नीचे मिलेंगी सभी सुविधाएं

इस सेंटर के बनने से 18 जिलों से आने वाले गंभीर घायलों और मरीजों को तुरंत और विशेषज्ञ इलाज मिल सकेगा। वर्तमान में, ट्रॉमा रोगियों का इलाज अधिकतर हड्डी रोग विशेषज्ञों के भरोसे होता है, लेकिन सेंटर बनने के बाद हर विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी।

इसके साथ ही:

इंटेंसिव केयर यूनिट्स (ICUs) को अत्याधुनिक बनाया जाएगा।

ब्लड बैंक की क्षमता पहले से ही अपेक्षाओं से काफी अधिक है (40,000 यूनिट प्रतिवर्ष)।

कॉलेज की स्किल लैब में जल्द ही 2 करोड़ के उपकरण आ रहे हैं, जिससे डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रॉमा के इलाज और प्रबंधन का प्रशिक्षण भी यहीं मिलेगा।


मेडिकल एजुकेशन को मिलेगा बूस्ट, दूसरे कॉलेजों के स्टाफ को भी मिलेगा प्रशिक्षण

सेंटर के बनने से न सिर्फ इलाज की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि मेडिकल शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी कानपुर एक नया मुकाम हासिल करेगा। यहाँ ट्रॉमा मेडिसिन से संबंधित कोर्स, वर्कशॉप और लाइव ट्रेनिंग करवाई जा सकेगी। राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों के चिकित्सकों एवं स्टाफ को भी यहीं ट्रेनिंग दी जाएगी।

डॉ. संजय काला ने कहा, “इस सेंटर के जरिए इलाज के साथ-साथ रिसर्च और ट्रॉमा मैनेजमेंट की पढ़ाई को भी बढ़ावा मिलेगा। इसका लाभ पूरे बुंदेलखंड, कानपुर और आस-पास के क्षेत्रों को होगा।”

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