पटना: खेमका हत्याकांड में पुलिसिया जांच पर उठे सवाल, साउंड क्लिप और एनकाउंटर भी घेरे में

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Bihar News Desk: राजधानी पटना के बहुचर्चित गोपाल खेमका हत्याकांड में पुलिस द्वारा किए गए खुलासे पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। हत्या के चौथे दिन पुलिस ने प्रेस वार्ता कर दो आरोपियों की गिरफ्तारी और एक एनकाउंटर की जानकारी दी। लेकिन परिजनों और पत्रकारों ने इस पूरे पुलिसिया कार्रवाई पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं।

प्रेस वार्ता में डीजीपी विनय कुमार और एडीजी (मुख्यालय एवं एसटीएफ) कुंदन कृष्णन ने एक साउंड क्लिप भी मीडिया के सामने पेश की, जिसमें जमीन विवाद को लेकर दो लोगों की बातचीत सुनाई गई। इस बातचीत में गाली-गलौज के साथ गोपाल खेमका का नाम भी आया है। पुलिस का दावा है कि इसमें बिल्डर अशोक साव की आवाज है, जबकि दूसरे शख्स की पहचान नहीं की गई है।

पत्रकारों के तीखे सवाल:

  • पुलिस डेढ़ घंटे की देरी से मौके पर क्यों पहुंची?
  • मौके पर आए कुछ पुलिसकर्मी बिना जांच किए क्यों लौट गए?
  • सबूत इकट्ठा करने में लापरवाही क्यों बरती गई?
  • फोन से सूचना देने के बावजूद नजदीकी थाना समय पर क्यों नहीं पहुंचा?
  • परिजनों द्वारा एनकाउंटर को “खुली हत्या” कहने पर पुलिस सिर्फ “जांच होगी” कह कर टाल गई।

इन सवालों पर डीजीपी ने या तो जवाब देने से परहेज किया या जांच की बात कहकर टाल गए। इससे पुलिस की कार्रवाई पर संदेह और गहरा गया है। वहीं, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने मामले में राजनीतिक चेहरों के शामिल होने की आशंका भी जताई है, जिस पर भी पुलिस चुप्पी साधे रही।

जांच अब भी जारी:

डीजीपी ने कहा कि हत्या की असली वजह अभी सामने नहीं आई है। यह पुरानी रंजिश या मृतक के बेटे गुंजन खेमका की पूर्व हत्या में गवाही देने से जुड़ा हो सकता है। फिलहाल जांच जारी है और पुलिस ने जल्द सच्चाई सामने लाने का भरोसा दिलाया है।

इस मामले ने न सिर्फ पटना पुलिस की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है।

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