गौतम अडाणी की सैलरी पर चर्चा: देश के दूसरे सबसे अमीर उद्योगपति का वेतन कितना, और क्यों है कम?

10.41 करोड़ रुपये की सैलरी, फिर भी अपेक्षाकृत कम
Business News Desk: देश के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति और अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी को वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 10.41 करोड़ रुपये का वेतन मिला है। यह राशि अदाणी समूह की दो प्रमुख कंपनियों — अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड और अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) — से प्राप्त हुई है। यह वेतन 2023-24 के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक है, जब उन्हें कुल 9.26 करोड़ रुपये मिले थे।

कौन-कौन सी कंपनियों से मिला वेतन?
गौतम अडाणी को अदाणी समूह की नौ सूचीबद्ध कंपनियों में से केवल दो कंपनियों से वेतन और अन्य भुगतान मिलते हैं:
अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड:
वेतन: ₹2.26 करोड़
अन्य भत्ते: ₹28 लाख
अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ):
वेतन: ₹1.8 करोड़
कमीशन: ₹6.07 करोड़
कुल: ₹7.87 करोड़
इस तरह कुल मिलाकर ₹10.41 करोड़ की सैलरी का आंकड़ा सामने आता है।

कम क्यों है अडाणी की सैलरी?
आश्चर्यजनक रूप से, अडाणी की कुल सैलरी भारत के कई अन्य कॉर्पोरेट समूह प्रमुखों की तुलना में कम है। इसकी कुछ प्रमुख वजहें हैं:
- व्यक्तिगत ब्रांड और होल्डिंग: गौतम अडाणी अपने समूह की अधिकांश कंपनियों में प्रमोटर हिस्सेदारी रखते हैं। उनका प्रमुख लाभ कंपनी के स्टॉक प्रदर्शन और लाभांश से होता है, न कि वेतन से।
- कंपनी नीति: अदाणी समूह में वेतन नीति तुलनात्मक रूप से संयमित रही है, और अक्सर समूह के प्रदर्शन को प्राथमिकता दी जाती है।
- पब्लिक परसेप्शन: हाल के वर्षों में कॉर्पोरेट पारदर्शिता और जन भावना को ध्यान में रखते हुए अडाणी समूह ने उच्च वेतन से परहेज़ किया है।
अन्य प्रमुख उद्योगपतियों की तुलना में कितना कम है?
गौतम अडाणी की तुलना यदि हम अन्य कॉर्पोरेट प्रमुखों से करें, तो यह साफ होता है कि उनकी सैलरी काफी कम है:
मुकेश अंबानी (रिलायंस): कई वर्षों तक उन्होंने ₹15 करोड़ सालाना वेतन पर स्थिर रहने का निर्णय लिया था, लेकिन हाल में उन्होंने अपना वेतन शून्य (₹0) कर दिया है।
कुमार मंगलम बिड़ला (आदित्य बिड़ला समूह): औसतन ₹15-20 करोड़ प्रति वर्ष
नंदन नीलकेणी (इन्फोसिस): वेतन नहीं लेते, केवल ₹1 सालाना पारिश्रमिक
सूर्यकांत सराफ (किराना रिटेल): ₹25 करोड़ से अधिक
इस तुलना से स्पष्ट है कि गौतम अडाणी का वेतन संरचना अधिक व्यवस्थित, संतुलित और नीतिनिर्धारित है।
वास्तविक कमाई कहां से होती है?
गौतम अडाणी की असली कमाई उनकी शेयरहोल्डिंग से होती है। अदाणी समूह की कंपनियों के शेयर मूल्य में भारी उतार-चढ़ाव होते हैं और अडाणी की कुल संपत्ति ज्यादातर उनके स्टॉक्स से जुड़ी हुई है। जब कंपनी का प्रदर्शन बेहतर होता है, तब उनकी संपत्ति कई अरब डॉलर तक बढ़ जाती है, जैसा कि हाल के वर्षों में देखा गया है।
निष्कर्ष: सैलरी कम, पर प्रभाव और संपत्ति शीर्ष पर
गौतम अडाणी की सैलरी चाहे कम क्यों न हो, लेकिन यह उनके प्रभाव या कुल संपत्ति को परिभाषित नहीं करती। वे एक ऐसे उद्योगपति हैं जिनकी रणनीति और निवेश की दृष्टि ने उन्हें भारत का दूसरा सबसे अमीर व्यक्ति बना दिया है। उनकी कम सैलरी नीति, पारदर्शिता और दीर्घकालिक दृष्टिकोण को दर्शाती है — जहां प्रमुख लक्ष्य है कंपनी का सतत विकास, न कि व्यक्तिगत लाभ।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.