फर्जी कंपनियों और फर्मों पर सीएम योगी का एक्शन मोड

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Lucknow News Desk: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्य कर विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कर संग्रह में पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और सख्त प्रवर्तन की नीति अपनाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि फर्जी शेल कंपनियों और पंजीकृत फर्जी फर्मों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की जाए।

उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्य व्यापारियों को मिलने वाली सुविधाओं में सेंध लगाने का प्रयास है, जो कि पूरी तरह से अनुचित है। मुख्यमंत्री ने इसे कर चोरी जैसा राष्ट्रीय अपराध बताया और कहा कि इससे राज्य की विकास योजनाओं और लोककल्याणकारी कार्यक्रमों पर प्रतिकूल असर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) उपभोक्ता आधारित कर प्रणाली है, इसलिए जहां जनसंख्या घनत्व अधिक है वहां से अपेक्षाकृत अधिक कर प्राप्त होना स्वाभाविक है।


Image source: NDTV.IN

कर संग्रह कम वाले क्षेत्रों में बनेगी विशेष रणनीति

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे ज़ोन, जहां कर संग्रह अपेक्षा से कम है, वहां विश्लेषण कर विशेष रणनीति के तहत कार्य किया जाए। उन्होंने आदेश दिया कि सेंट्रल जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत संदिग्ध फर्मों की जानकारी संबंधित राज्य जीएसटी कार्यालय को भेजी जाए ताकि उनका भौतिक सत्यापन कर निष्कर्ष निकाला जा सके।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि यदि पंजीकृत फर्में विभागीय स्तर पर गहन जांच के बाद भी अनुपलब्ध पाई जाएं, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए और उनके रजिस्ट्रेशन रद्द किए जाएं।


तकनीकी दक्षता और निगरानी से बढ़ेगा कर संग्रह

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को तकनीकी दक्षता को बेहतर करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक उपयोग तकनीकी संसाधनों का हो और कर संग्रह में पारदर्शिता लाई जाए। इस दिशा में काम करने से जीएसटी अपवंचन पर रोक लगेगी और राज्य को राजस्व की हानि से भी बचाया जा सकेगा।

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