अमेठी जिला अस्पताल की बदहाली: ICU सालों से बंद, मरीजों को मिल रही सिर्फ “रेफर की पर्ची”
Medical News Desk: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत सरकारी दावों से कोसों दूर है। जिले के सबसे बड़े अस्पताल — अमेठी जिला अस्पताल — की हालत इतनी खराब है कि गंभीर मरीजों को समय पर इलाज तक नहीं मिल पा रहा। यहां ICU के सभी बेड सालों से बंद पड़े हैं, क्योंकि उन्हें संचालित करने के लिए न पैरामेडिकल स्टाफ है, न विशेषज्ञ डॉक्टर। नतीजतन, गंभीर मरीजों को सीधे लखनऊ रेफर कर दिया जाता है, जिससे न सिर्फ इलाज में देर होती है बल्कि कई बार मरीज की जान पर भी बन आती है।
पैरामेडिकल स्टाफ और विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी
अस्पताल प्रशासन खुद मान रहा है कि ICU और वेंटिलेटर चालू करने के लिए न तो प्रशिक्षित स्टाफ उपलब्ध है और न ही विशेषज्ञ डॉक्टर। आपातकालीन परिस्थितियों में मरीजों को प्राथमिक उपचार तक नहीं मिल पाता और सीधे लखनऊ भेज दिया जाता है।
मरीजों की आपबीती
इलाज करवाने पहुंचे मरीज दिवाकर पांडे ने बताया कि सामान्य इलाज और दवाएं तो मिल जाती हैं, लेकिन कोई गंभीर स्थिति आ जाए तो अस्पताल पूरी तरह बेबस नजर आता है। उनका कहना है कि अगर अस्पताल में व्यवस्थाएं सुधारी जाएं तो मरीजों को बड़ी राहत मिल सकती है।
CMS ने माना, जिम्मेदारी शासन पर डाली
जब इस संबंध में जिला अस्पताल के CMS बद्री अग्रवाल से सवाल किया गया तो उन्होंने डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी की बात स्वीकार की। उनका कहना है कि शासन को कई बार पत्र भेजे गए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
डॉक्टरों की किल्लत हर विभाग में
अमेठी जिला अस्पताल में महिला चिकित्सक, रेडियोलॉजिस्ट और इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर (EMO) की जबरदस्त कमी है। जिले के ग्रामीण अस्पतालों का हाल और भी खराब है, जहां स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे चल रही हैं।
अमेठी जैसे राजनीतिक रूप से अहम जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की यह स्थिति सवाल खड़े करती है। जरूरत है कि शासन-प्रशासन सिर्फ पत्राचार न करके जमीनी स्तर पर ठोस कदम उठाए, ताकि आम लोगों को समय पर इलाज मिल सके और रेफर की पर्ची के भरोसे न रहना पड़े।

Avneesh Mishra is a young and energetic journalist. He keeps a keen eye on sports, politics and foreign affairs. Avneesh has done Post Graduate Diploma in TV Journalism.