अखिलेश यादव का संसद में तीखा हमला: ऑपरेशन सिंदूर पर उठाए सवाल, सेना को सराहा लेकिन सरकार पर बरसे

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Central News Desk: लोकसभा के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार की विदेश नीति, डिफेंस तैयारियों और सुरक्षा चूक पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत एक शायरी से की:

“मैं दुनिया को मनाने में लगा हूं, मेरा घर मुझसे रूठा जा रहा है।”
— अखिलेश यादव ने कहा कि यह शायरी वह भारतीय जनता पार्टी के लिए कह रहे हैं।

सेना को दी बधाई, लेकिन सरकार पर साधा निशाना

अखिलेश यादव ने सबसे पहले भारतीय सेना को सलाम करते हुए कहा,

“मुझे अपनी सेना पर गर्व है। फौज को मैं बधाई देता हूं, जो आतंकवादियों का सफाया कर रही है।”

लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि

“हर जगह राजनीतिक लाभ उठाना गलत है।”

सुरक्षा चूक और सीजफायर पर उठे सवाल

अखिलेश यादव ने पूछा कि पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ, वो इंटेलिजेंस फेल्योर नहीं तो और क्या है?

सीजफायर किसके दबाव में किया गया? क्या सरकार को इसके पीछे की मजबूरी जनता को नहीं बतानी चाहिए?

उन्होंने पूछा कि ड्रोन हमले सीजफायर के बाद भी क्यों हो रहे हैं?

डिफेंस और आत्मनिर्भरता पर चिंता

अखिलेश ने पूछा कि राफेल विमानों की पूजा तो की गई, लेकिन क्या वो युद्ध में उड़े?

उन्होंने सरकार से कहा कि अगर ‘डिफेंस एक्सपो’ में निवेश मांग रहे हैं, तो फिर देश को आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन में भी तैयार किया जाए।

उन्होंने मांग की कि GDP का कम से कम 3% बजट रक्षा क्षेत्र को दिया जाए।

चीन पर विशेष चिंता

अखिलेश यादव ने कहा कि

“हमें चीन से खतरा सिर्फ ज़मीन पर नहीं, बल्कि बाज़ार में भी है।”
“याद रखिए, चीन एक राक्षस है। वो हमारी ज़मीन और बाज़ार दोनों छीन सकता है।”

उन्होंने सरकार से सवाल किया कि

“2014 के बाद हमारे क्षेत्रफल में क्या बदलाव आया है? अकसाई चीन और पीओके को लेकर किए गए दावे कहां हैं?”

पुलवामा पर भी उठाए सवाल

उन्होंने पूछा कि

“आज भी अगर सरकार चाहे तो पुलवामा में जिस गाड़ी में आरडीएक्स था, उसे सैटेलाइट इमेज से ट्रेस कर सकती है।”

उन्होंने कहा कि

“अगर हमारे पास तकनीक है, तो फिर आज तक वह गाड़ी क्यों नहीं पकड़ी गई?”

“सड़कें हमने बनाई थीं, जिस पर पीएम उतरे”

अखिलेश यादव ने दावा किया कि

“प्रधानमंत्री जिस सड़क पर हरक्यूलिस विमान से उतरे थे, उसे समाजवादियों ने ही डिज़ाइन किया था।”
“हमने ऐसी सड़कें बनाई थीं कि इमरजेंसी में एयरक्राफ्ट भी उतर सकें।”

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