एटीएम में कैश जमा करने के नाम पर 1.39 करोड़ की जालसाजी: हिटाची कंपनी के कर्मचारी का बड़ा खेल, तीन गिरफ्तार, सेना के रिटायर्ड कर्मी के बेटों की तलाश

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Central News Desk: कानपुर में एटीएम मशीनों में कैश डालने वाली कंपनी हिटाची पेमेंट सर्विसेज का एक कर्मचारी एक महीने तक बैंक को करोड़ों का चूना लगाता रहा और किसी को भनक तक नहीं लगी। मामला तब उजागर हुआ जब बैंक की कैश रिसाइक्लिंग मशीन (सीआरएम) में लगातार पैसे कम निकलने की शिकायतें आने लगीं। जांच हुई, कैमरे खंगाले गए और पूरा खेल सामने आ गया।

Img. Credit: Google News

ऐसे चलता था करोड़ों का गोरखधंधा

हिटाची कंपनी का कर्मचारी दीपक जायसवाल, जो कि बिठूर के मकसूदाबाद का रहने वाला है, सीआरएम मशीन में पैसे जमा करने का काम करता था। लेकिन वह मशीन में रुपये डालने के बाद जैसे ही ग्राहक के मोबाइल पर रकम जमा होने का मैसेज आता, वह चाबी से मशीन खोलकर वही रुपये फिर से निकाल लेता। यह खेल 21 मार्च से 24 अप्रैल तक लगातार एक महीने तीन दिन तक चलता रहा। इस दौरान कुल 1.38 करोड़ 91 हजार 500 रुपये मशीन से निकाल लिए गए।

पुलिस ने तीनों आरोपियों को दबोचा

कैमरे की फुटेज से पुलिस को शक हुआ कि यह काम अंदरूनी व्यक्ति का हो सकता है। डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी के नेतृत्व में जांच आगे बढ़ी और दीपक जायसवाल को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल किया और दो अन्य साथियों के नाम बताए—विपिन दीक्षित (देवकी नगर, यशोदा नगर) और सुंधाशु जैसवार (सीओडी कॉलोनी, कोयलानगर)। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया और इनके पास से 19.15 लाख रुपये नकद, आभूषण, एक एटीएम कार्ड और एक कार बरामद की गई।

सेना के रिटायर्ड जवान के बेटे भी थे शामिल

पूछताछ में पता चला कि दीपक पहले सीएमएस कंपनी में काम करता था, जहां उसकी मुलाकात कोयलानगर निवासी सेवानिवृत्त फौजी के तीन बेटों—अंकित, मनीष और आशीष त्रिपाठी से हुई थी। तीनों टेक्निकल डिपार्टमेंट में काम करते थे और आरोपियों को फर्जी एटीएम कार्ड मुहैया कराते थे, ताकि रकम निकालने में आसानी हो। पुलिस अब इन तीनों की तलाश में जुटी है।

पुलिस कर रही है व्यापक जांच

डीसीपी दक्षिण ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर सेल और फॉरेंसिक टीम की मदद ली जा रही है। साथ ही यह जांच भी की जा रही है कि कहीं यह गिरोह किसी और शहर में भी ऐसी घटनाओं को अंजाम तो नहीं दे चुका।

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